अयोध्या से लेकर बुलंदशहर और तेलंगाना से लेकर पश्चिम बंगाल तक राजनीति का चक्रव्यूह बिछने लगा है और आज का सवाल इसी से जुड़ा हुआ है. आज अयोध्या में विवादित ढांचे को गिरे 26 साल पूरे हो गए हैं लेकिन ये मामला फिर से गर्म है. क्या ये सवाल आपके जहन में नहीं आता कि 2019 के चुनाव से कुछ महीनों पहले अयोध्या का मामला तूल क्यों पकड़ने लगा. अयोध्या के बाद बुलंदशहर का रुख कर लीजिए. गोकशी के आरोप की आग कुछ ऐसी भड़की कि भूचाल आ गया. मुख्यमंत्री योगी पार्टी का चुनाव प्रचार करने में व्यस्त थे, ये बताने में व्यस्त थे कि अगर फलाना राज्य में बीजेपी की सरकार आई तो असामाजिक तत्व बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे लेकिन इधर उनके ही प्रदेश का एक इलाका सुलगता रहा. क्या ये सारी कवायद 2019 से पहले एक बड़े ध्रुवीकरण के लिए हो रही है. उधर कांग्रेस के नेता कमलनाथ कभी बंद कमरे में मुसलमान वोट बैंक को रिझाने की कोशिश करते दिख जाते हैं तो कभी पार्टी के दूसरे नेता कौन हिन्दू है और कौन असली हिन्दू है के सर्टिफिकेट बांटते सुनाई दे जाते हैं.