भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण की 16 माह जेल में रहने के बाद गुरुवार की देर रात रिहा कर दिया गया है. इस रिहाई को सियासी गलियारों में खासा अहम माना जा रहा है. यह रिहाई पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सियासी समीकरण को भी बदल सकता है. चंद्रशेखर रिहाई के साथ गुजरात के दलित नेता जिगनेश मेवाणी की सक्रियता भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बढ़ेगी और चंद्रशेखर के रूप में दलितों का नया नेतृत्व मिलेगा. रावण को साथ लेने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई बड़े नेता भी लगातार प्रयासरत रहे हैं, लेकिन जेल में उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी.
Chandrashekhar, the founder of the Bhim Army who has been in jail since June 2017, was released from the Saharanpur jail. Uttar Pradesh police said they decided to release him early because of his mother's request. Chandrashekhar was supposed to be in jail till 1 November, otherwise.