snake catchers court established in Auraiya for justice
औरैया। देश में कई निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक है। छोटे-छोटे गांव की पंचायते भी देखी होगी। लेकिन सपेरा की अदालत किसी ने अब तक न ही देखी होगी और न ही सुनी होगी। आइए हम आपको बताते हैं एक ऐसे समाज की अदालत के बारे में जहां पर चलता है उनका बनाया हुआ अपना कानून।
यह है सपेरों की हाइकोर्ट जहां देश भर से लोग अपने अपने मुकदमों की सुनवाई के लिए यह जमा होते हैं। लोग यहां सांप की सौगंध खाकर गवाही देते हैं। बैगा जाति से ताल्लुक रखने वाले इस जाति के लोग देश भर में फैले हुए हैं। इनके छोटे बड़े मामले जब नहीं निपट पाते तो इनका मुकदमा इस सपेरों के कोर्ट में आता है। उत्तर प्रदेश केऔरैया जिले में इनका एक चीफ जस्टिस भी है जो पूरे मुकदमे की सुनवाई करके अपना फैसला सुनाता है। यह लोग कभी देश की अदालतों में नहीं जाते हैं। सिर्फ यूपी ही नहीं दिल्ली हरियाणा महाराष्ट्र और देश के दूसरे हिस्सों से यह लोग अपने-अपने मामले इसी अदालत में लाते हैं। इसकी एक खास वजह यह भी है कि इनका समाज अदालत जाने की अनुमति नहीं देता। दूसरी वजह यह है कि लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रिया में यह लोग पड़ना भी नहीं चाहते। लेकिन हैरत इस बात की है कि प्रशासन को पूरी जानकारी होने के बाद भी वह कभी ऐसी अदालतों को रोकने की कोशिश नहीं करता।