The scientists spotted the telltale signature of frozen water in infrared measurements taken by Nasa’s moon mineralogy mapper, an instrument that flew on India’s Chandrayaan-1 mission to the moon a decade ago.
नासा के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-1 अंतरिक्षयान के आंकड़ों के आधार पर चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों के सबसे अंधेरे और ठंडे स्थानों पर पानी के जमे हुए स्वरूप में यानी बर्फ की मौजूदगी होने की पुष्टि की है. भारत ने 10 साल पहले इस अंतरिक्षयान का प्रक्षेपण किया था.सतह पर पर्याप्त मात्रा में बर्फ के मौजूद होने से इस बात के संकेत मिलते हैं कि आगे के अभियानों या यहां तक कि चंद्रमा पर रहने के लिए भी जल की मौजूदगी की संभावना है.