Meerut Muslim family preparing kanwars for Yatra
मेरठ। हिन्दू मुस्लिम और जाति बिरादरी केवल राजनीति के लिए सरहद हो सकती है, लेकिन उन लोगों के लिए तो कोई सरहद नहीं है जो इन सबसे उठ कर प्रेम भाईचारे से रहते है। अपने परिवार के पालने के लिए वो काम करते है जो दुसरे के धर्म पर टिका है। मेरठ में कुछ इस तरह के परिवार है जो कांवड़ बनाकर दो वक्त की रोटी का प्रबंध करते है। उनका रोजगार केवल इस कांवड़ पर टिका है उनके हाथ से बानी कावड़ मेरठ में नहीं दुसरे शहरों में क्या दुसरे राज्यों में बेचीं जाती है।
मेरठ के रहने वाले शराफत जो रंग बिरंगी कावड़ बनाने का काम पिछली तीन पीढ़ियों से करते आ रहे है। सरताज का कहना है ये हमारी रोजी रोटी है कावड़ के साथ रावण भी बनने का काम करते है। घर की महिलाएं कांवड़ बनाने का काम करती है। इन्होंने मेरठ में ही नहीं हरिद्वार में भी कावड़ बनने की दुकान खोल रखी है।