मोक्ष योग के बनने पर मनुष्य जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त होता है। इस योग के प्रभाव में जातक के कर्म शुभ होते हैं और उसके मन में वैराग्य के भाव उत्पन्नत होते रहते हैं। मोक्ष पाना आसान बात नहीं है। बड़े-बड़े साधु-संतों को मोक्ष की प्राप्ति हेतु कई वर्षों तक घोर तपस्या करनी पड़ी थी। यहां तक कि भगवान बुद्ध को भी निर्वाण प्राप्तस करने के लिए अपना संपूर्ण जीवन साधना में व्य तीत करना पड़ा था। कुंडली में मोक्ष प्राप्ति योग काफी शुभ माना जाता है। कुंडली में केवल इस योग के बनने से ही मनुष्य़ को मोक्ष मिल जाता है जिसे कई लोग घोर तपस्याफ के बाद हासिल कर पाते हैं।मोक्ष का सामान्य आशय तो हम सभी जानते हैं लेकिन इसका वास्तविक अर्थ कम ही लोग जानते हैं। क्या आपको पता है कि मोक्ष शब्दावली अपने आप में कौन सा संकेत देती है? मोक्ष शब्द का निहितार्थ क्या है और एस्ट्रोलॉजी में इसके लिए क्या कुछ कहा गया है। इसके अलावा आज हम ये भी जानेंगे कि अध्यात्म जगत में मोक्ष का क्या अर्थ लगाया जाता है।मेरे प्रिये दर्शकों आप इस चैनल (ज्योतिष अथाह ज्ञान सागर) के माध्यम से ज्योतिष से जुडी हुई हरप्रकार की जानकारी हासिल कर सकते है या फिर किसी भी प्रकार की शंका (doubt) को दूर करने या हल (solution} पाने के लिए संपर्क करें|
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