कुम्भ की सरकारी तैयारियां जोरों पर हैँ। इसबार पूरी दुनिया के श्रद्धालुओं को न्योता बांटा जा रहा लेकिन लेकिन संगम पर जिस पतितपावनी गंगा के किनारे मेला बसना है उसे ही जिम्मेदार भूलाए बैठे हैं। सरकारी आंकड़ों में गंगा का जलस्तर मई-जून महीने में हर साल की तरह 70 मीटर के आसपास बताया जा रहा लेकिन घाट किनारे रहने वाले कहते हैं कि इस जेठ में गंगा का जलस्तर खतरनाक स्तर तक कम हुआ है। मोटा आकलन है कि एक मीटर से अधिक जलस्तर गिरा है। गंगा का जलस्तर मापने वाला मीटर ही रेत के टीले पर आ गया है। हाल यह कि घाट किनारे के लोग पैदल गंगा को पार कर रहे हैं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इसी तरह बनारस में भी मई महीने में ही गंगा का जलस्तर पिछले वर्ष के जून के जलस्तर से नीचे पहुंच गया है। 29 जून 2017 को गंगा का जलस्तर 58.27 मीटर था। 31 मई को नदी का जलस्तर 57.76 मीटर दर्ज किया गया।
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