बोर्ड परीक्षा यानी 10वीं के रिजल्ट आए लेकिन रिजल्ट के आते एक सवाल जो सबके जेहन में है वो है 500 में 499 कैसे आ गए ? इस सवाल का जवाब ढूंढे नहीं मिल रहा. दिमाग में यही आता है कि गजब का आइंस्टीन वाला दिमाग पाया है टॉपर्स ने । लेकिन क्या यही सच है । सच आपके सामने रखें उससे पहले हम एक बात साफ कर दें कि हम कहीं से भी किसी स्टूडेंट को जिन्होंने 500 में 499 नंबर लाने का कीर्तिमान कायम किया या टॉप थ्री में आए हैं उन्हें कोई ब्लेम नहीं कर रहे. उनकी शानदार सफलता के लिए उनको जितनी बधाई दी जाए कम होगी । लेकिन सवाल तब भी मन में है. और सिस्टम से है. हजारों उन छात्रों के लिए सवाल मन में है. जो देश के अलग-अलग राज्यों में बोर्ड परीक्षा में खूब लिखकर भी 75-80 प्रतिशत से ज्यादा मार्क्स नहीं ला पाते । और, सिर्फ इस वजह से उन्हें देश की बड़ी यूनिवर्सिटी में जहां कहीं भी एडमिशन के लिए मार्क्स को आधार बनाया जाता है एडमिशन नहीं मिल पाता । ऐसे छात्रों के लिए क्या होना चाहिए । आज प्रश्नकाल में हम यही मुद्दा लेकर आए हैं । हम एक सवाल लेंगे औऱ आपको समझाएंगे कि कैसे अलग अलग बोर्ड में उस एक सवाल पर ही नंबर देने का सिस्टम अलग अलग बना रखा है देश के एजुकेशन सिस्टम ने औऱ नतीजा ये कि एक जैसे टैलेंटेड बच्चे भी अलग अलग नंबर लाते हैं.. चाहे तैयारी एक सी हो या फिर नॉलेज एक सी. लेकिन पहले आपको टॉपर्स से मिलवाते हैं.