अब बात बीएसपी सुप्रीमो मायावती की कथित धमकी की इनसाइड स्टोरी की। पिछले दिनों मायावती ने पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा था कि सम्मानजनक सीटें मिलने पर ही गठबंधन या समझौते की बात होगी। मायावती के इस बयान से ये मतलब निकलने लगा कि अगर उन्हें मनमाफिक सीटें नहीं मिली तो वो गठबंधन छोड़ सकती हैं। उनके इस बयान को एक धमकी माना जा रहा था। लेकिन इंडिया न्यूज को सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं की नाराजगी से बचने के लिए ये बयान दिया। दरअसल, बीएसपी के को-ऑर्डिनेटर ने मायावती को आंतरिक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें कहा गया था कि पिछले चुनाव में यादव और जाटव के बीच सबसे ज्यादा संघर्ष हुआ था। यादव जहां समाजवादी पार्टी तो वहीं जाटव बीएसपी का सबसे बड़ा जनाधार हैं। ऐसे में जमीनी स्तर पर बीएसपी कार्यकर्ताओं में समाजवादी पार्टी के प्रति नाराजगी दिख रही थी। ऐसी रिपोर्ट थी कि बीएसपी के कार्यकर्ता बीजेपी की तरफ जा सकते हैं। ये रिपोर्ट मिलने के बाद ही मायावती ने अपनी रणनीति बदली और अपने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए चेतावनी भरे लहजे में गठबंधन को लेकर बात कही। हालांकि ये कहा जा रहा है कि मायावती गठबंधन नहीं छोड़ेंगी और अगला लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर ही लड़ेंगी।