राज्य और केन्द्र सरकारें सुरक्षित मातृत्व और स्वस्थ शिशु के उद्देश्य से सुरक्षित मातृत्व दिवस और जननी सुरक्षा जैसी योजनाओं पर जोर दे रहीं हैं। सरकारी अस्पतालों में गर्भवती व प्रसूताओं के लिए सभी सुविधाएं नि:शुल्क देने का दावा किया जा रहा है मगर हकीकत उलटा है।
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