आज सबसे पहले बात कर्नाटक की करेंगे। हम इस पर भी चर्चा करेंगे कि कैसे कर्नाटक के सियासी घटनाक्रम का साइड इफेक्ट बिहार और गोवा तक में दिखने लगा है। लेकिन सबसे पहले हम, सबसे बड़े सियासी सवाल की बात करेंगे। सवाल यही है कि भले ही बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन गए हैं लेकिन वो बहुमत कैसे साबित करेंगे। येदियुरप्पा के पास 15 दिन का वक्त है लेकिन 104 विधायकों वाली बीजेपी को वो बहुमत कैसे दिला पाएंगे, ये यक्ष प्रश्न खड़ा है। 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में फिलहाल 222 विधायक चुने गए हैं। इसलिए बहुमत के लिए 112 का आंकड़ा चाहिए। बीजेपी के पास 104 विधायक हैं, एक निर्दलीय और एक KPJP का विधायक का जोड़ लें तो येदियुरप्पा के पास 106 का आंकड़ा हो जाएगा। अब दूसरी स्थिति देखिए, मान लीजिए कि 12 विधायक बहुमत परीक्षण के वक्त गैरहाजिर रहते हैं और चूंकि जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी दो सीटों से जीते हैं इसलिए उनके नाम से एक ही सीट की गिनती होगी तो ऐसे में सदन का आंकड़ा 209 हो जाएगा और इस सूरत में बहुमत के लिए 105 विधायक चाहिए होंगे और इस तरह से बीजेपी सरकार बचा लेगी।