खाने-पीने का सामान या फिर दवाइयों के एक्सपायरी होने की बात तो आपने सुनी होगी, लेकिन आपकी रसोई में इस्तेमाल हो रहा गैस सिलेंडर भी एक्सपायरी होता है। हर सिलेंडर पर एक्सपायरी डेट लिखी होती है, मगर इसके बारे में उपभोक्ताओं को कम ही जानकारी रहती है।अगर आप घर पर गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं, तो उसकी एक्सपायरी डेट जांच लें। इसका इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है।
गैस सिलेंडर बनाते समय प्लांट से इस परएक्सपायरी डेट लिखी जाती है। यह ए, बी, सी, डी के रूप में लिखी होती है। जो एक वर्ष के 12 महीनों को 4 कोड के अंतर्गत तीन तीन महीनों को दर्शाते हैं। (A- जनवरी, फरवरी, मार्च B- अप्रैल , मई , जून C- जूलाई , ऑगस्ट, सितंबर D- अक्टूबर , नवंबर, दिसम्बर) अक्सर इस पर उपभोक्ता का ध्यान नहीं जाता। यह कोड वर्ड गैस एजेंसी या फिर कंपनी के अधिकारियों को पता होता है।
यह साल के इस कारण कई बार डेट निकलने के बावजूद ऐसे गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं तक पहुंच जाते हैं। जानकारों की मानें तो कई बार सिलेंडर फटने की घटना कारण एक्सपायरी सिलेंडर का इस्तेमाल भी हो सकता है।