उसके पास खाने के लिए पैसे नहीं थे। चोरी करने पर इतनी बड़ी सजा मिलेगी इसका भी उसे अहसास नहीं था। मंदिर की गोलक पर नजर पड़ी तो उसने उससे एक रुपया निकाल लिया। आसपास खड़े लोगों ने उसे रुपया निकालते हुए देखा तो पकड़ लिया। उसकी मजबूरी और जरूरत की परवाह किए बिना भीड़ ने पिटाई की और डेढ़ घंटे तक हाथ पैर बांधकर नुमाइश की।