भागलपुर। लोक आस्था के महापर्व के दूसरे दिन गंगा-कोशी नदी घाटों के किनारे खरना का पूजन छठ व्रतियों ने विधि-विधान और श्रद्धा के साथ मनाया व्रतियों ने स्नान करके गुड़-चावल से तैयार रसिया,खीर,रोटी, पूरी, केला, मिठाई आदि का खरना का भोग चढ़ाया। इस दौरान व्रतियों ने भगवान भास्कर को भोग लगाकर स्वयं प्रसाद ग्रहण करने के बाद श्रद्धलुओं के बीच इसे वितरित किया। व्रतियों के यहां प्रसाद पाने के लिए रात्रि में पूजन के बाद से भक्तों का तांता लगा रहा। इसी के साथ व्रती करीबन 36 घंटे का का निर्जला उपवास करेंगे। पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया कि भगवान सूर्य बुद्धि, आरोग्य के देव हैं। इनकी आराधना से बुद्धि-विवेक और धन-धान्य के अलावा कुष्ट व चर्म रोग सहित अन्य असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है। नि:संतानों को संतान की प्राप्ति होती है। घाट पर जाने के लिए कोई दंडवत होकर तो कोई पैदल ही पहुंचेंगे।