भागलपुर। मां काली की 64 वीं विसर्जन शोभायात्रा उमंग और हर्षोल्लास के साथ रविवार देर रात संपन्न हुआ। यात्रा का नेतृत्व करने वाली परबत्ती की प्रतिमा आठ किलोमीटर की दूरी 20 घंटे में पूरी कर मायागंज स्थित मुसहरी घाट पर विसर्जन के लिए पहुंची। शनिवार शाम को परबत्ती की काली प्रतिमा के पीछे लगभग छह किलोमीटर स्टेशन चौक तक 78 प्रतिमाओं की कतार में लगी थीं। शोभायात्रा की प्रतिमाओं का विसर्जन सोमवार सुबह तक होता रहा।
रात आठ बजे के करीब शनिवार को परबत्ती से शुरू हुई विसर्जन शोभायात्रा रविवार शाम साढ़े पांच बजे घाट पर पहुंची। विसर्जन शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं और महासमिति के सदस्यों में अद्भुत जोश और उत्साह दिखा। हाथी-घोड़ों की जुलूस के साथ डीजे और देशभक्ति गीतों पर युवाओं की टोली मदमस्त होकर रातभर नाचती रही। बीच-बीच में लाउडस्पीकर पर जय मां काली, बम काली, जय श्री राम, जय श्री राम के जयकारे पर युवा अस्त्र-शस्त्रों से लैस होकर करतब दिखाते रहे। इस दौरान शहरवासी सड़क किनारे मां का आशीष पाने के लिए घंटों जमे रहे। जगह-जगह महिलाएं मां की विदाई गीत गाकर माहौल को अध्यात्मिक बना रहीं थीं।
पूरी रात जगमगाता रहा विसर्जन मार्ग
विसर्जन जुलूस के दौरान पूरे शहर में बिजली कटी रही। इसके बावजूद जेनरेटर के सहारे दूधिया रोशनी में विसर्जन मार्ग जगमगाता रहा। सड़क किनारे मेला सा दृश्य था। एक ओर जहां लोग चाट- मिठाई का आनंद ले रहे थे तो दूसरी ओर बच्चे गुब्बारे व खिलौने खरीददारी की खरीदारी में मगन थे। कई जगहों पर लोग एयर गन से अपनी निशानेबाजी की कला को भी परख रहे थे।