हलसी(लखीसराय)। वर्ष 2009। सूबे में नीतीश सरकार का पहला कार्यकाल। सीएम जब लखीसराय के हलसी प्रखंड के आगत गांव आए थे, तब गांव की आबादी 20 से 25 घरों की रही होगी। इन आठ सालों में गांव की आबादी तीन गुणी हो गई, लेकिन सड़क, नाला, पेयजल, शौचालय आदि मूलभूत सुविधाओं से गांव महरूम ही रहा। वर्ष 2017 बीतने वाला है। सीएम के फिर इसी गांव आगमन की घोषणा क्या हुई, विकास तेज दौड़ लगाता हुआ इस गांव में पहुंच गया है। आठ साल बाद एक बार फिर मुख्यमंत्री का आगत गांव आना ग्रामीणों के लिए अच्छे दिन लेकर आया है। सीएम के सात नश्चिय में से शौचालय, सड़क, पक्की गली-नाली, हर घर नल-जल जैसी योजनाएं यहां तेजी से साकार हो रही है। और सबसे बढ़कर बात यह है कि यहां के लोग काफी जागरूक दिख रहे हैं और प्रशासन का सहयोग भी कर रहे हैं। विकास का पहिया यहां काफी तेजी से घूमता दिख रहा है। बालू संकट के बीच भी सड़कें बन रही है, शौचालय बनवाए जा रहे हैं। पेयजल के लिए बोरिंग की जा रही है। गांववाले सुखद आश्चर्य में हैं। कह रहें कि काश हर गांव की तस्वीर ऐसे ही बदली जाए।
हर दिन जायजा ले रहे पदाधिकारी, दूर कर रहे समस्या
विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए कलेक्ट्रेट से पदाधिकारी रोज ही आगत गांव पहुंच रहे हैं। शौचालय निर्माण में लोगों को कुछ दिक्कतें भी आ रही हैं, जिसे प्रशासन सीएम के आगमन से पहले ही दूर कर लेना चाह रहा है। आखिर ये प्रयास हो भी क्यों नहीं। जिला मुख्यालय से करीब 27 किलोमीटर दूर विकास से महरूम इस गांव में सीएम जो आ रहे हैं।