भागलपुर में द्वारिकापुरी कॉलोनी स्थित श्याम कुंज में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में मंगलवार को समापन सत्र में आयेाजक परिवार के सदस्यों द्वारा 56 भोग लगाये गये। वहीं ठाकुर जी के चांदी के झूले पर विराजने के बाद श्रद्धालुओं ने धूमधाम से फूलों की होली मनाई। इस दौरान डांडिया का भी आयोजन किया गया। भक्ति गीतों पर महिलाओं का डांडिया नृत्य देख सभी श्रद्धालु झुम रहे थे।
इससे पहले किरीट भाई द्वारा गोवर्धन पूजा और महारास की कथा सुनायी गयी।
पांचवें दिन कथा सुनाते हुए किरीट भाई ने कथा सुनने पहुंचे लोगों को जीवन को मूल्यों के साथ जीने के बारे में बताया और सेवा करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि परमात्मा ने इंद्रीय व शरीर सुख समान रूप से दिया है। इसलिए मानव को ईष्या नहीं करनी चाहिए। इच्छाओं को कम करने से या त्याग करने से मानव शरीर तीर्थ बन जाता है। उन्होंने इस दैरान भरत जी को भक्तों में श्रेष्ठ और गोपी स्वरूप बताया। किरीट भाई ने जन्म के पश्चात श्रीकृष्ण की लीलाओं का उल्लेख किया जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।