त्तराखंड के ढोल-दमाऊं को दुनिया में पहचान दिलाने के मकसद से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का सपना इस बार अधूरा ही रह गया। इस दौरान 1001 ढोल तो बजे, लेकिन विश्व रिकार्ड बनने बनना रह गया।
http://www.livehindustan.com/uttarakhand/story-world-record-of-dhol-and-damau-paly-has-not-been-made-1272991.html