गुरु पूर्णिमा पर रविवार को आस्थावान सद्गुरु के चरणों में शीश नवाने को आतुर दिखे। नगर के गुरुपीठों पर लाखों भक्तों ने ज्ञानगंगा का आचमन किया। सूर्योदय के पूर्व ही गुरु पूजा के लिए मठों-आश्रमों, गुरुकुलों में शिष्यों का रेला लगा रहा। देररात तक साधना स्थल गुलजार रहे। गुरु-शिष्य के बीच प्रेम, समर्पण और श्रद्धा की गंगा का काशी में संगम रहा। गुरुपीठ तक पहुंचने के लिए भक्तों को खासी मशक्कत भी करनी पड़ी