उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान श्री केदारनाथ और द्वितीय केदार भगवान श्री मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा होती है। महाशिवरात्रि पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
सर्दियों के दौरान जब केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो जाते हैं, तो उनकी उत्सव एवं भोग मूर्ति को डोली एवं छत्र, त्रिशूल आदि प्रतीकात्मक निशानों के साथ ऊखीमठ लाया जाता है। यह शीतकालीन पूजा हेतु वे ऊखीमठ के गर्भ गृह में प्रतिष्ठित हो जाते हैं। इसी तरह जब द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के शीतकाल में कपाट बंद हो जाते हैं तो ओंकारेश्वर मंदिर में उनकी पूजा होती है। अक्तूबर आखिरी से लेकर अप्रैल-मई तक भगवान केदारनाथ और मद्महेश्वर की पूजा यहां होती है। ऊखीमठ समुद्रतल से 1311 मीटर की ऊंचाई पर है। रुद्रप्रयाग से 41 किलोमीटर की दूरी पर है। मान्यता है कि उषा (बाणासुर की बेटी) और अनिरुद्ध (भगवान कृष्ण के पौत्र) की शादी यहीं सम्पन की गयी थी। उषा के नाम से इस जगह का नाम ऊखीमठ पड़ा।
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