एक नहीं दो नहीं, पूरे 18 बाइक पर सवार थे युगल जोड़े। खासियत यह थी कि इनमें कोई नवविवाहित नहीं था, लेकिन प्रेम को लेकर उनकी परिभाषा हर किसी के लिए नसीहत से कम नहीं थी। जमशेदपुर में वैलेंटाइन पर इन बाइकर्स ने अपने अभियान की शुरुआत जुबली पार्क से की, लेकिन शहर का शायद ही कोई व्यस्ततम सड़क रही हो जहां से ये नहीं गुजरे।
बाइक पर पोस्टर लेकर गुजरे रह इन बाइकर्स को देखकर सहसा लोग रुक जाते थे। जैसे ही लोगों की भीड़ जुटती, ये बाइकर्स शुरू हो जाते वैलेंटाइन डे की वास्तविक उपयोगिता बताने। इनका कहना था कि प्रेम नैसर्गिक है और हर जगह है,बस देखने का नजरिया चाहिए। इंसान से लेकर पशु-पक्षी भी प्रेम की भाषा को अपने शब्दों में गढ़ते हैं। हां इन्होंने यह भी समझाने का प्रयास किया कि प्रेम में अश्लीलता के लिए कोई जगह नहीं है। हमें इसका खास ध्यान रखना चाहिए।