कालचक्र पूजा के 12वें दिन भी दलाईलामा ने सात अभिषेक से संबंधित अनुष्ठान पूरे किए। कालचक्र संस्कार शुरू होते ही कालचक्र मैदान से लेकर बाहर बैठे बौद्ध श्रद्धालुओं पूरी आस्था के साथ अनुष्ठान में तल्लीन रहे।
संस्कार के दौरान हुए अभिषेकों में माहौल एकदम शांत रहा। दो लाख से अधिक श्रद्धालु शांत रहे। पूरे बोधगया में परम पावन की आवाज गूंजती रही। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ होने से कालचक्र मैदान की जगह कम पड़ गयी और इसलिए उन्हें बाहर ही जगह मिल पायी।