शनिवार सुबह से ही शारदीय नवरात्रों की शुरूआत हो जाएगी। इस साल नवरात्रि पूजन शनिवार, 1 अक्टूबर 2016 से प्रारंभ है। 1 अक्टूबर 2016 प्रतिपदा के दिन हस्त नक्षत्र और ब्रह्म योग होने के कारण सूर्योदय के बाद तथा अभिजीत मुहूर्त में घट/कलश स्थापना करना चाहिए। ये सब तो आप शायद पहले से भी जानते होंगे लेकिन क्या आप उस मंदिर के बारे में जानते हैं जहां मां शैलपुत्री स्वयं विराजती हैं। जी हां वाराणसी में एक ऐसा प्राचीन मंदिर मौजूद है जिसे मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप वाला पहला मंदिर कहा जाता है।
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कहां है ये मंदिर
धर्म नगरी वाराणसी के मरहिअ घाट पर स्थित मां शैलपुत्री का मंदिर बेहद प्रसिद्द है। ये एक प्राचीन मंदिर है और मान्यताओं के मुताबिक यही मां शैलपुत्री का पहला मंदिर है। पहले नवरात्रि के दिन इस मंदिर में पांव रखने की भी जगह नहीं रहती। कहा जाता है कि सुहागनें अपने सुहाग की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थय के लिए मां शैलपुत्री के मंदिर आती हैं। इस मंदिर में भक्तजन लाल फूल, लाल चुनरी और नारियल के साथ सुहाग का सामान चढ़ाते हैं।
यहां कल के दिन महाआरती भी होती और मां शैलपुत्री की कथा भी सुनाई जाती है। यहां लोग काफी दूर-दूर से मन्नत मांगने आते हैं और मन्नत पूरी हो जाने पर पूजा करवाते हैं। कहा जाता है की शिव की धरती वाराणसी में मौजूद माता का यह मंदिर इतना शक्तिशाली है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी हो जाती है।
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