जगन्नाथपुर के रथयात्रा मेले में मांदर (पारंपरिक वाद्य यंत्र) तैयार कर रहे ये हैं दुर्गा महली। हाथ से मांदर बना लेना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन पिछले 35 साल से काम करते-करते हाथ इतना सध गया है कि अब चार दिन में एक मांदर तैयार कर लेते हैं। मांदर बनाते-बनाते दुर्गा कहते हैं कि इतने मांदर बना चुका कि अब लगता है कि पुश्तों से मांदर की थाप कानों में गूंज रही है।