आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रंथ अष्टांगसंग्रह तथा अष्टांगहृदय के रचयिता। प्राचीन संहित्यकारों में यही व्यक्ति है, जिसने अपना परिचय स्पष्ट रूप में दिया है।वाग्भट के बनाए आयुर्वेद के ग्रंथ अष्टांगसंग्रह और अष्टांगहृदय हैं। अष्टांगहृदय की जितनी टीकाएँ हुई हैं उतनी अन्य किसी ग्रंथ की नहीं।