Festival is meant to spread happiness, and every religion teach to share love and happiness. Whenever we think about Basant Panchami , immediately it comes our mind that it is festival of Hindus but Basant also deeply attached to SufiIslam. Basant Panchami is celebrated with great fanfare every year on the dargah of Hazrat Nizamuddin Auliya, which located in southern Delhi. On the day of Basant Panchami,Chadar of yellow flowers is offered to him instead of a green chadar, people also sing the songs of spring. But what is the reason for behind this, watch this video to know
त्योहार खुशी फैलाने के लिए होते है और हर मजहब प्यार और खुशी बांटना सिखाती है । एकता की ऐसी ही मिसाल है बसंत पंंचमी । बसंत पंचमी का ज़िक्र आते ही सबके दिमाग में हिंदुओं का त्योहार ही आता है मगर बसंत का सूफी इस्लाम से गहरा नाता है । दक्षिणी दिल्ली में स्थित है हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर हर साल बसंत पंचमी बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है । बसंत पंचमी के दिन हरे रंग की चादर की जगह यहां पीले फूलों की चादर चढ़ाई जाती है, लोग बैठकर बसंत के गाने गाते हैं । लेकिन क्या है इसकी वजह आइए जानते हैं ।