Atal Bihari Vajpayee का ये Poem नहीं सुना तो सब बेकार है | वनइंडिया हिन्दी

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Atal Bihari Vajpayee not only remembers the country as a prime minister, but Vajpayee is also remembered as a poet. A poet who fills the listener with joy ... They used to say this easily, but they all come and do not vote. Atal ji knew that the hypnosis of his speech is wonderful. Vajpayee ji's voice was awesome. Listening to his speech was a purpose. Even if you do not vote, listening to Vajpayee is a joy.

अटल बिहारी वाजपेयी को सिर्फ देश एक प्रधानमंत्री के तौर पर ही याद नहीं करता बल्कि वाजपेयी एक कवि के तौर पर भी याद किए जाते हैं.. एक ऐसा कवि जो सुनने वाले को ओज से भर दे.. एक ऐसा कवि तो सुनने वालों के बीच आसानी से यह कह देते थे सुनने तो सब आते हो पर वोट नहीं देते हो.. अटल जी ये जानते थे कि उनकी वाणी का सम्मोहन अद्भुत है. वाजपेयी जी की वाणी का ओज कमाल था. उनके भाषण को सुनना ही एक प्रयोजन होता था. वोट भले ही न दें पर वाजपेयी को सुनना ही एक आनंद है.

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