नमस्कार मित्रों, आज हम गाँधी जी की उस उप्लब्धी का जिक्र करने का प्रयास कर रहे हैं जो हम सभी के लिये गर्व का विषय है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था और माता का नाम पुतलीबाई था । उन्हें प्यार से बापू भी कहकर पुकारते हैं। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था! 13 वर्ष की आयु में ही इनका विवाह कस्तूरबाबाई से हो गया,तब वे हाई स्कूल में पढ़ते थे I गांधी जी बचपन से ही सत्य और अंहिसा के पुजारी थे I 1887 में गांधी जी इंग्लैंड चले गये और 3 वर्ष बाद वकील बनकर लौटे I फिर वे अफ्रीका गये वंहा पर लोगों पर विदेशियों का अत्याचार देखकर उनका मन विचलित हो गया और उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का मार्ग अपनाया I फिर वो भारत को आजाद कराने के लिए वापस भारत आ गये I
महात्मा गांधी एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया।
गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये नमक कर के विरोध में 1930 में नमक सत्याग्रह और इसके बाद 1942 में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से खासी प्रसिद्धि प्राप्त की। दक्षिण अफ्रीका और भारत में विभिन्न अवसरों पर कई वर्षों तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा।
गांधीजी ने अपना संपूर्ण जीवन त्याग और देश की सेवा में ही बिताया है,इस कारन
प्रति वर्ष 2 अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जयंती पर हमारी तरफ से हार्दिक नमन !