नमस्कार
आज हम आपको क्रिसमस से जुड़ी कुछ विशेष जानकारी देने का प्रयास करेंगे !
क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। ईसाई समुदाय के लोग इस त्योहार को बहुत धूमधाम और उल्लास के साथ मनाते हैं और आजकल अन्य धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़ी उत्साह और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मानते है! यह त्योहार हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है, क्यूंकि इसी दिन जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था।
जीसस क्राइस्ट एक महान व्यक्ति थे और उन्होंने समाज को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने दुनिया के लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया था। इन्हें ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है की उस समय के शासकों को जीसस का संदेश पसंद नहीं था, इस कारन उन्होंने जीसस को सूली पर लटका कर मार डाला था। कहा जाता है की 40 दिन बाद वह फिर से जी उठे थे और लोगों को उपदेश दिया था !
क्रिसमस के दिन ईसाई लोग अपने घर को भलीभांति सजाते हैं। क्रिसमस की तैयारियां पहले से ही होने लगती हैं। लगभग एक सप्ताह तक छुट्टी रहती है। बाजारों की रौनक बढ़ जाती है। घर और बाजार रंगीन रोशनियों से जगमगा उठते हैं।
चर्च में विशेष प्रार्थनाएं होती हैं। इस दिन आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है और इसकी विशेष सज्जा की जाती है। इस त्योहार में केक का विशेष महत्व होता है। मीठे, मनमोहन केक काटकर खिलाने का रिवाज बहुत पुराना है। लोग एक-दूसरे को केक खिलाकर पर्व की बधाई देते हैं।
सांताक्लाज का रूप धारण करके व्यक्ति बच्चों को टॉफियां-उपहार के रूप में बांटे है ! ऐसा कहा जाता है कि सांताक्लाज स्वर्ग से आते है और लोगों को मनचाही चीजें उपहार के तौर पर देकर जाते है।
!!हंगामा की तरफ से आप सभी को क्रिसमस की ढेर सारी शुभकामनाएं!!